दस साल में भी नहीं हटा सके गरीबी मोदीजी, तो न्याय पत्र 2024 पढ़ना है ज़रूरी है मोदीजी
दस साल जुमलों से जनता को भरमा रहे प्रधानमंत्री मोदी ने मान लिया है कि देश से गरीबी दूर नहीं की जा सकती. उन्होंने ये मान लिया कि उनके पास देश के गरीब- दलित-वंचित, पिछड़े आदिवासी-किसान-मजदूर और महिलाओं के लिए भारतीय जनता पार्टी के पास कोई ठोस रचनात्मक योजना नहीं है.
बीजेपी के घोषणा पत्र मोदी की गारंटी में कुछ भी ऐसा नहीं है जिस पर पार्टी सीना ठोक सके. लिहाजा पीएम मोदी घूम-फिर कर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर घिसा-पिटा राग अलापने लगे हैं. दस साल से सूट-बूट-लूट औऱ झूठ की सरकार चलाने वाले और शाहाना जिंदगी जीने वाले मोदी राहुल गांधी को शहजादा बोल रहे हैं. साथ ही तंज कस रहे हैं कि राहुल गांधी झटके में गरीबी खत्म करने की बात कर रहे हैं.
ये आरोप मोदी के मानसिक दीवालियापन को दर्शाते हैं. ओछी भाषा, नफरती अंदाज़ के लिए पहचाने जाने वाले नरेंद्र मोदी बेरोजगारी और महंगाई पर एक लफ्ज़ नही बोल पा रहे हैं. ना ही वो बता पा रहे हैं कि-
कहां गए वो पंद्रह-पंद्रह लाख,जो हर किसी के खाते में आप पहुंचानेे का दावा पीएम मोदी कर रहे थे. उसके बदले काले धन को इलेक्टोरल बांड से सफेद करनेे की वसूली स्कीम का असली मकसद क्या था ? इस वसूली को अवैैध घोषित किए जाने पर भी इसे सही ठहरा कर पीएम मोदी सुप्रीम कोर्ट की अवमानना क्यों कर रहे हैं ?
कहां गई हर साल दो करोड़ नौकरियां, जिनसे युवा वर्ग को पिछले दस साल से भरमाया जा रहा था?
कहां गई वो किसानों की दोगुनी हई आय ? भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से 2022 में छपवाई किताब के महाजादू का खुलासा होने लगा है. इसमे जिनके पास ज़मीन नहीं, उनकी आय भी दोगुनी बता दी गई है.
कहां गई मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्किल इंडिया जैसी हवाई योजनाएं ? जिनका जिक्र करने तक की हिम्मत नहीं जुटा पाते है मोदी
जादू तो प्रधानमंत्री मोदी जानते हैं. पिछले दस साल में गरीबों को लूट कर अमीरों को बांटने का जादू कर रहे हैं.
देश में भयावह गरीबी,चरम पर महंगाई और सुरसा का मुंह बनी बेरोजगारी की असली वजह भी है
मोदी सरकार की इंडिया एम्प्लॉयमेंट रिपोर्ट 2024 रोज़गार पर मोदी सरकार की भीषण नाकामी का दस्तावेज है. इसमें कहा गया है कि दस साल में हर दस में से आठ से ज्यादा युवा बेरोजगार हैं. बेरोजगारी दर अब तक के चरम पर 66 परसेंट तक पहुंच गई है. और घर चलाने की जिम्मेदारी उठाने वाली महिलाएं पुरुषों से ज्यादा बेरोजगार हैं.
मोदी सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन का कहना है कि यह मान लेना गलत है कि सरकार बेरोजगारी जैसी सभी सामाजिक और आर्थिक समस्याओं का समाधान कर सकती है
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि अमीरों के 16 लाख करोड़ रुपए की कर्जमाफी के पैसे से मनरेगा जैसी योजना अगले 24 सालों तक चलाई जा सकती थी. उन्होंने कहा कि गरीबी झटके से खत्म नहीं हो सकती लेकिन उसको गहरी चोट पहुंचाई जा सकती है.
गरीबी खत्म करने का मंत्र जानना है, तो प्रधानमंत्री मोदी को कांग्रेस का न्याय पत्र को ध्यान से पढ़ना पड़ेगा. फोटोग्राफिक मेमोरी से काम नहीं चलेगा.
न्याय पत्र 2024 सिर्फ कांग्रेस का नहीं, बल्कि भावी भारत के निर्माण का रोड मैैप है.
न्याय पत्र का मतलब है कि गरीब-दलित-वंचित-पिछड़े वर्ग की आर्थिक- सामाजिक आजादी
न्याय पत्र में गरीबी दूर करने का मतलब अमीरों से छीनना नहीं. गरीबों को आर्थिक-सामाजिक न्याय दिलवाना है.
प्रधानमंत्री मोदी की हर योजना पहले तो लुभाती हैं, फिर गरीब को और गरीब बनाती हैं…मुनाफा मित्रों का करवाती हैं.
महालक्ष्मी योजना- हर गरीब परिवार की महिला के खाते में सीधे साढ़े आठ हजार जमा करनेे से रसोई औऱ छोटी-मोटी जरूरतों की फिक्र से राहत मिलेगी. महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में पचास फीसदी आरक्षण लागू किया जाएगा
मनरेगा समेत दैनिक दैनिक न्यूनतम मजदूरी 400 रुपए लागू कर आर्थिक शोषण से रक्षा की जाएगी
मजदूरों की रक्षा- असंगठित और गिग वर्कर्स के लिए पेंशन, दुर्घटना, जीवन बीमा समेत व्यापक सामाजिक सुरक्षा
स्वास्थ्य पर खर्च खत्म- ₹25 लाख का हेल्थ-कवर: मुफ़्त इलाज़, अस्पताल, डॉक्टर, दवा, टेस्ट, सर्जरी
मुफ्त शिक्षा का विस्तार- मिड डे मील के साथ मुफ्त स्कूली शिक्षा का बारहवीं कक्षा तक होगा विस्तार
युवाओं के लिए रोजगार निर्माण- 30 लाख सरकारी नौकरियां और एक लाख रुपए सालाना स्टाईपेंड समेत एप्रेंटिसशिप की गारंटी
किसानों की सुरक्षित आजीविका- किसानों को डॉ. स्वामीनाथन फार्मूले के तहत एमएसपी की कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी के लिए स्थाई आयोग का गठन
शहरों में काम मिलने की गारंटी- शहरी गरीबों के लिए शहरी रोजगार गारंटी कार्यक्रम चलाया जाएगा
संसाधनों का उचित वितरण- राष्ट्रव्यापी आर्थिक-सामाजिक-जातिगत गणना से असली हकदारों की पहचान कर कल्याणकारी योजनाओं में बदलाव और सुधार
वंचित समुदायों का सशक्तिकरण- महिलाओं, दलित और आदिवासियों को घर और व्यवसाय के लिए बड़ेे लोन
समाज के कमजोर तबकों को बराबर अवसर और संसाधन उपलब्ध कराने से गरीबी दूर होगी.
युवाओं को लाख रुपए साल के स्टाईपेंड के साथ साल भर की एप्रेंटिसशिप की गारंटी से कौशल के अभाव की समस्या दूर होगी. जबकि मोदी सरकार कौशल के अभाव को बेरोजगारी की वजह बता कर अपने हाथ झाड़ चुकी है. जबकि मौका दिए बगैर कोई युवा दक्ष प्रोफेशनल कैसे बन सकेगा.
प्रधानमंत्री मोदी गरीबों की गरीबी दूर करने के लिए अमीरों को पैसा देने में यकीन करते हैं. मोदीराज में देश के 22 घरानों के पास देश की सत्तर फीसदी संपत्ति है. बाकी तीस फीसदी एक सौ चालीस करोड़ के बीच बंटी है.
मोदी सरकार कर्जमाफी और आर्थिक लाभ दे कर बड़े कॉर्पोरेट्स से चंदा दो-धंधा लो की नीति पर चल कर और सरकारी एजेंसियों का खौफ दिखा कर दुनिया का सबसे बड़े वसूली रैकेट चलाते हैं और . इस घूस से रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार,अपराध बढ़ता हैै, खामियाजा गरीब वर्ग भुगतता हैै. राहुल गांधी के शब्दों में भ्रष्टाचार के चैंपियन हैं प्रधानमंत्री मोदी.
पीएम मोदी की लुभावनी लफ्फाज़ी लोग अब सुनने को तैयार नही हैं. मोदी का तिलिस्म टूट गया है. मोदी का जादू तेजी से उतर रहा है. गरीबी दूर करने को लेकर खुद पीएम मोदी का भरोसा टूट चुका है.
वहीं लोग मानने लगे हैं मोदी की गारंटी सिर्फ जुमला है.. सही बात तो ये है कि जनता अब मोदी को गंभीरता से नहींं लेती.
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