कांग्रेस के न्यायपत्र पर बात करने को मजबूर हुए मोदी, गरीब की आड़ में कर रहे हैं अमीरों का बचाव
राहुल गांधी के एक भाषण है जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के विरुद्ध कई आरोप लगाए हैं। उनके अनुसार, मोदी और बीजेपी ने कांग्रेस की जनता के मुद्दों पर आलोचना करने के बावजूद उनके न्यायपत्र में बुराई का कोई खास मौका नहीं दिखाया। गांधी ने जातिजनगणना और हिस्सेदारी न्याय को लेकर भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण मुद्दे के रूप में उठाया और इसे अपने जीवन का मिशन बताया। उन्होंने मोदी और बीजेपी की नीतियों पर सवाल उठाया, जैसे कि उनके सामाजिक न्याय योजनाओं और धन का वितरण। गांधी ने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में आएगी, तो वह पिछड़े वर्ग, दलित और आदिवासियों के हिस्सेदारी न्याय को महत्व देगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कांग्रेस घेर कर जनता के मुद्दे पर ले आई है. पीएम मोदी अब न्यायपत्र को लेकर कांग्रेस की आलोचना करने में जुट गए हैं. लेकिन न्यायपत्र में मोदी को बुराई करने का कोई खास मौका नहीं मिल रहा. लेकिन उनको कांग्रेस के हिस्सेदारी न्याय से खासा खतरा नज़र आ रहा है. इसके तहत जातिजनगणना कराने की कांग्रेस की गारंटी आरएसएस औऱ बीजेपी को खास तौर पर डरा रही है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि उनकी पार्टी सरकार बनते ही जातिजनगणना कराने के लिए कमर कस चुकी है.
"अब हम देश में एक और क्रांतिकारी काम करने जा रहे हैं, वो जाति जनगणना है।"
- राहुल गांधी, पूर्व अध्यक्ष, कांग्रेस
हिस्सेदारी न्याय और जातिजनणना का मुद्दा चुनावी राजनीति के केंद्र में आ गया है. ठीक ऐसे ही मंडल आयोग की सिफारिश लागू होने पर बीजेपी ने रथयात्रा शुरू कर देश को सांप्रदायिकता की आग में झोंक दिया था. साथ ही वीपी सिंह सरकार से समर्थन वापिस लेकर सामाजिक न्याय की लड़ाई को थामने की कोशिश की थी. लेकिन पिछड़े वर्ग के जाग जाने से राज्यों के स्तर पर सामाजिक न्याय की लड़ाई जारी रही. अब जातिजनगणना और हिस्सेदारी न्याय की बात उठा कर कांग्रेस ने इस मुद्दे को अगली सदी तक की राष्ट्रीय राजनीति के केंद्र में ला दिया. वहीं, राहुल गांधी ने इसे अपने जीवन का मिशन बना लिया.
मुझे जाति में नहीं, बल्कि 'न्याय' में दिलचस्पी है।
आज हिंदुस्तान में 90% लोगों के साथ अन्याय हो रहा है।
हमने सिर्फ इतना कहा कि- जातिगत जनगणना से ये पता लगाते हैं कि कितना अन्याय हो रहा है?
इतना कहते ही मीडिया और नरेंद्र मोदी बौखला गए.
- राहुल गांधी
राहुल गांधी कहते हैं कि दस साल तक पीएम मोदी खुद को पिछड़ा बता कर राजनीति करते रहे. अब जब कांग्रेस ने पिछड़े वर्ग, दलित और आदिवासियों के हिस्सेदारी न्याय को अपना मकसद बनाया तो मोदी अमीर और गरीब की बात करने लगे. राहुल गांधी अब अमीर-गरीब के सवाल पर भी मोदी का पीछा नहीं छोड़ रहे हैं.
नरेंद्र मोदी 10 साल से कह रहे थे कि वे OBC हैं।
लेकिन, जैसे ही मैंने जातिगत जनगणना की बात की, वे कहते हैं- हिंदुस्तान में सिर्फ 2 ही जाति हैं, अमीर और गरीब।
नरेंद्र मोदी जी, अगर आप गरीबों की लिस्ट देखेंगे तो उसमें आपको SC, ST, OBC वर्ग के लोग मिल जाएंगे,
लेकिन, अमीरों के लिस्ट में आपको एक भी नहीं मिलेंगे।
इसलिए जातिगत जनगणना मेरे लिए राजनीति का मुद्दा नहीं है, ये मेरे जीवन का मिशन है।
-राहुल गांधी-
बीजेपी मैनीफेस्टो में जनता को लुभाने लायक कुछ नहीं है. राम मंदिर का मुद्दा नहीं चला. राजस्थान के बांसवाड़ा में अपने नफरती भाषण से नुकसान का खतरा देख मोदी अमरोहा में मुसलमानों की रहनुमाई करते नज़र आए. अब कांग्रेस की सरकार आने पर संपत्ति छीनने का डर आम लोगों को दिखा रहे हैं. लेकिन वो ये नहीं बता पा रहे कि देश के सत्तर करोड़ लोगों के पास जितना धन है, उतना पिछले दस साल में बाइस बिज़नेस घरानों के पास क्यों और कैसे इकट्ठा हुआ है.
दरअसल इतिहास गवाह है कि हिंदुत्व हमेशा से हिस्सेदारी के खिलाफ रहा है.
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