अग्निपथ योजना एक घोटाला
रोजगार के जुमलों में से एक मोदी सरकार की अग्निपथ योजना भी शामिल है. बता दें कि योजना 16 जून 2022 को लागू की गई थी। अग्निपथ योजना में 4 साल के लिए सेना में भर्ती किया जाता है। यह योजना सेना में जाने वाले युवाओं के साथ खिलवाड़ है. क्योंकि अग्रिपथ योजना में सैनिकों को मात्र 4 साल तक नौकरी करनी पड़ती है. फिर से उसके बाद अग्निवीर बेरोजगार हो जाते है। आज हम इस मुद्दे पर विस्तार से भाजपा सरकार को बेनकाब करेंगे।
क्या है अग्निपथ योजना ?
भारतीय सेना में युवाओं को शामिल करने के लिए मोदी सरकार ने अग्निपथ योजना की शुरुआत की गई थी. इसके तहत 4 साल के लिए सेना में भर्ती किया जाता है। बता दें कि भाजपा सरकार ने इस योजना को जबरदस्ती लागू करवाया था। इस योजना की घोषणा 16 जून 2022 को की गई थी. इस योजना के तहत सेना में शामिल होने वाले जवानों को 'अग्निवीर' के नाम से जाना जाता है ।
इस योजना का नुकसान यह है कि अग्रिपथ योजना में सैनिकों को मात्र 4 साल तक नौकरी करनी पड़ेगी। और फिर 4 साल की अवधि पूरी होने के बाद उस बैच में से 25 फीसदी अग्निवीर की बहाली स्थायी रूप से की जाएगी।
जानिए 4 साल में कितनी मिलती है सैलरी?
पहला साल
पहले साल में सैलरी 30 हजार मिलती है जिसमें 9 हजार रुपये कॉर्पस फंड में जाता है और अग्रिवीर को कुल 21 हजार रूपये मिलते है |
दूसरा साल
वहीं दूसरे साल में उसकी मासिक सैलरी को बढ़ाकर 30 हजार से 33 हजार तक कर दिया जाता है जिसमे 9 हजार 500 रूपये कॉर्पस फंड में जाता है बाकी के बचे 23,100 रूपये उनको मिलते है |
तीसरा वर्ष
तीसरे वर्ष सैलरी हर महीने 36,500/- हो जाती है जिसमे 10,950 कॉर्पस फंड में जाता है बाकी के बचे 25,550/- रूपये मिलते है |
चौथा वर्ष
चौथा वर्ष और अंतिम वर्ष हर महीने सैलरी 40 हजार रूपये हो जाती है जिसमें कॉर्पस फंड में 12 हजार रूपये जाते है |
अग्निवीरों को बनाया जा रहा है मूर्ख जानें कैसे?
अब सरकार ये दावा कर रही है कि वो अग्निवीर को रिटायरमेंट पर 10 लाख रुपये देगी. लेकिन बहुत कम लोगों को यह बात पता होगी कि वो 10 लाख उसी कॉर्पस फंड का पैसा है जिसको सरकार अग्निवीर के हर महीने की सैलरी से काटा करती थी। हिसाब लगाए तो यह रकम 4 साल में लगभग 10 लाख होती है । मतलब खुद की सैलरी से कटा हुआ पैसा खुद अग्निवीर सैनिकों को देकर सरकार वाहवाही लूट रही है।
अग्निपथ योजना से है ये हानियां
अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर को रिटायरमेंट के बाद पेंशन नहीं मिलेगी। अग्निवीरों को गैर कमीशन रैंक की श्रेणी में रखा जाएगा | नौकरी की कोई सुरक्षा नहीं है क्योंकि चार साल की सेवा करने के बाद एक अग्निवीर फिर बेरोजगार हो जाएगा। अग्निवीर को कोई भत्ता नहीं मिलेगा. जबकि दूसरे सरकारी नौकरी वालों को भत्ता मिलता है| अगर कोई अग्निवीर शहीद हो जाता है तो उसे शहीद का दर्जा नहीं दिया जाएगा।
देश के युवाओं के साथ खिलवाड़!
जैसा कि हम सभी जानते है कि इस देश में बड़े- बड़े पदों पर बैठे लोगों को पेंशन मिलती है। एक नेता अगर एक बार भी चुनाव जीत जाता है तो हार जाने के बाद भी उसे जिंदगी भर पेंशन मिलती है। जबकि देश के लिए सेवा करने वाला एक जवान जो हमारे लिए अपनी जान की परवाह किए बिना भारत की सीमाओं पर लड़ता है. उसकी पेंशन तक समाप्त कर दी जाती है। सच तो यह है कि उनकी पेंशन को मोदी सरकार खा गई है। भाजपा सरकार एक तरफ युवाओं को रोजगार देने की गारंटी देती है. वहीं दूसरी तरफ उनको फिर से बेरोजगार बना देती है। चार साल की अवधि पूरी होने के बाद उनकी रिटायरमेंट हो जाएगी. और फिर अग्निवीर बेरोजगार हो जाएंगे, इससे पता चलता है की भाजपा सरकार झूठ के वादों की सरकार है. युवाओं को रोजगार देने का झांसा देती है ।
Prem Raj Saurabh
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